Sunday, June 8, 2025

पहलगाम हमला: अभी तो शुरुआत है, चुन-चुन कर हिसाब होगा

पहलगाम हमले को लेकर सरकार ने एक्शन शुरु कर दिया है. अनंतनाग के बिजबेहरा में सुरक्षाबलों ने आतंकी आदिल हुसैन थोकर के घर को तबाह कर दिया. आदिल थोकर उर्फ ​​आदिल गुरी के रूप में पहचाने जाने वाले आतंकी पर पहलगाम की ​बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को हुए हमले की योजना बनाने और अंजाम देने में पाकिस्तानी आतंकवादियों की मदद करने का आरोप है. इस हमले में शामिल दूसरे स्थानीय आतंकी आसिफ शेख के त्राल स्थित घर को जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बुलडोजर से गिरा दिया.

Terrorist Attack

22 अप्रैल को किया था हमला

सूत्रों के मुताबिक स्टील टिप वाली गोलियों, एके-47 राइफलों और बॉडी कैमरा पहने हुए लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के चार आतंकवादियों के एक समूह ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों के बीच हिंदुओं को निशाना बनाया और उन पर गोलियों की बौछार कर दी. इस आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिनमें भारत के अलग-अलग राज्यों से जम्मू-कश्मीर घूमने पहुंचे पर्यटक थे. आतंकवादियों में दो स्थानीय भी शामिल थे. जानकारी के मुताबिक दोनों स्थानीय आतंकियों की पहचान बिजबेहरा निवासी आदिल हुसैन थोकर और त्राल निवासी आसिफ शेख के रूप में हुई है.

TRF ने ली हमले की जिम्मेदारी

बताया गया है कि आदिल ने 2018 में अटारी-वाघा बॉर्डर के जरिए वैध तरीके से पाकिस्तान की यात्रा की थी. अपने पाकिस्तान प्रवास के दौरान उसने टेरर कैम्प में ट्रेनिंग ली. इसके बाद साल 2024 में जम्मू-कश्मीर लौटा. पहलगाम हमले के कुछ चश्मदीदों का बयान सामने आया है कि कुछ आतंकी आपस में पश्तून भाषा में बातचीत कर रहे थे. देखा जाए तो हमले में शामिल सभी आतंकवादी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के हैं. हालांकि द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने भी इस हमले की जिम्मेदारी ली है. आपको बता दें कि टीआरएफ लश्कर-ए-तैयबा का एक मुखौटा आतंकी संगठन है, जिसका इस्तेमाल हमले को एक स्वदेशी समूह के काम के रूप में दिखाने के लिए किया गया.

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