Health Risk: अब इस बीमारी से ग्रसित लोगों की संख्या बढ़ रही हैं। ये सर्वे से पता चला है कि जब व्यक्ति 8-10 घंटे तक शारीरिक रूप से एक्टिव नहीं रहता है तो इस बीमारी के होने का खतरा 70 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।
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डेस्क जॉब या लंबे समय कुर्सी पर बैठकर अपनी उंगलियों को चलाना आज लगभग हर फील्ड की जॉब हो गई है। बात चाहे मल्टीनेशनल कंपनियों की हो या सरकारी नौकरी की 8 घंटे बैठकर सिस्टम के सामने आंखें खुली रखना आम हो गया है लेकिन क्या आप जानते हैं कि इससे आपके शरीर में कितने तरह की बीमारियां पनप रही हैं। ये बीमारी आपको धीरे ही धीरे और अंदर ही अंदर खोखला कर रही है और आपको इस बारे में पता भी नहीं है। हम डिमेंशिया या अल्जाइमर रोग की बात कर रहे हैं, जो आपको खोखला बना रहा है। आज हम आपको डिमेंशिया या अल्जाइमर के बारे में डिटेल में बताएंगे।
Health Risk: क्या है डिमेंशिया या अल्जाइमर
डिमेंशिया या अल्जाइमर एक ऐसी बीमारी है जो मानसिक और शारीरिक दोनों तरह से आपको नुकसान पहुंचा सकती है। ये मेंटल हेल्थ का सबसे बड़ा और जरूर हिस्सा है। इस बीमारी में याददाश्त कमजोर होने लगती है और वो चीजें भूलने लगता है। शब्दों पर पकड़ कम हो जाती है। इतना ही नहीं जब बीमारी बढ़ जाती है तो मरीज की हालत और ज्यादा खराब हो जाती है। वो कपड़े पहनने का ढंग भूल जाता है, ठीक से शब्दों का उच्चारण नहीं कर पाता और रोजमर्रा के कामों में भी परेशानी होने लगती हैं।
Health Risk: सेडेंटरी लाइफस्टाइल कर रहा लोगों को बीमार
अब इस बीमारी से ग्रसित लोगों की संख्या बढ़ रही हैं। ये सर्वे से पता चला है कि जब व्यक्ति 8-10 घंटे तक गतिशील नहीं रहता है तो इस बीमारी के होने का खतरा 70 फीसदी तक बढ़ जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, वर्तमान में 55 मिलियन लोग अल्जाइमर-डिमेंशिया से पीड़ित हैं। पहले ये बीमारी 45-50 वर्ग के लोगों में देखी जाती थी लेकिन कम उम्र में लोगों में भी इस विकार के लक्षण दिखने लगे हैं। अगर आपको भी लगता है कि आप इस बीमारी से पीड़ित हैं, या आपके शरीर में कुछ लक्षण दिख रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।