Attack On Hindu temples: भारत की सभ्यता और संस्कृति पर प्रचीन काल से ही अनेकों प्रहार हुए हैं लेकिन फिर भी कोई उसे मिटा नहीं पाया। मुगलकाल में बाबर द्वारा राम मन्दिर तोड़कर बाबरी मस्जिद बनाने से लेकर बाबर की कई पीढ़ियों ने हिन्दुओं की आस्था के केंद्र लाखों मन्दिरों को अपना निशाना बनाया था, सबसे क्रूर शासक औरंगजेब के कू कर्मों को सुनकर आज भी लोगों का खून खोलता है आज हम ऐसी एक घटना के बारे में आपको बताने जा रहे हैं जब औरंगजेब ने एक मन्दिर में शिवलिंग पर तलवार चलाई थी(Attack On Hindu temples)और शिवलिंग से खून की धार बहने लगी थी।
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उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में स्थापित है यह शिवलिंग
Attack On Hindu temples: बलिया जिला मुख्यालय से करीब 15 किमी दूर स्थित असेगा में एक ऐसा शिवलिंग है, जिस पर औरंगजेब ने तलवार से हमला किया था। इससे शिवलिंग से रक्त की धारा निकल पड़ी थी। जिले भर में बाबा शोकहरणनाथ के नाम से प्रसिद्ध इस शिवलिंग के प्रति लोगों की गहरी आस्था है। मंदिर का इतिहास काफी प्राचीन और पौराणिक है। करीब कई सौ साल पुराने इस मंदिर में दीपक जलाने का बहुत महत्व है।
मंदिर परिसर में हर समय सैकड़ों दीपक जलाए जाते हैं। मंदिर के पुजारी फुलेश्वर उपाध्याय बताते हैं कि यह मंदिर काफी प्राचीन है। बेरुरआबारी के पास असेगा स्थित बाबा शोकहरनाथ के दर्शन के लिए प्रतिदिन भक्तों की लंबी कतार लगती है। सावन में यहां काफी भीड़ होती है।
इसी गांव के राणाकुणाल सिंह ने किंवदंतियों का हवाला देते हुए बताया कि इस क्षेत्र में सूरथ नामक राजा हुआ करते थे। वह अपने पुत्र के कर्मों से सदैव दुखी रहते थे। जिसके समाधान के लिए राजा सुरथ मेघा ऋषि के पास गए। मेघा ऋषि ने राजा को भगवान शिव की तपस्या करने का एक उपाय सुझाया। राजा सुरथ ने वर्षों तक भगवान शिव की तपस्या की। राजा सुरथ की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने राजा सुरथ को लिंग के रूप में दर्शन दिये। राजा सुरथ ने प्रकट शिवलिंग को असेगा में स्थानांतरित कर यहीं स्थापित कर दिया और प्रतिदिन इसकी पूजा करने लगे।

धीरे-धीरे राजा के सारे दुःख और कष्ट दूर हो गये। इसी कारण से इस शिवलिंग का नाम शोकहरण नाथ पड़ा। बाद में शोकहरण नाथ मंदिर में भक्त बड़ी संख्या में अपने दुखों और कष्टों के निवारण के लिए आने लगे। इस बार सावन के महीने में भक्तों की भीड़ कुछ ज्यादा ही उमड़ रही है।
औरंगजेब ने तलवार से किया था हमला(Attack On Hindu temples)
मध्यकाल में औरंगजेब ने इस मंदिर का अस्तित्व समाप्त करने का प्रयास किया था। उस दौरान औरंगजेब ने इस शिवलिंग पर तलवार से हमला किया था(Attack On Hindu temples)। तलवार से हमला करते ही शिवलिंग से रक्त की धार लगी थी। जिसे देखकर औरंगजेब के साथ आये उसके सैनिक भी घबराकर भाग निकले थे। आज भी इस प्राचीन शिवलिंग में दरार पड़ी हुई है जो स्पष्ट दिखाई देती है। यह ईश्वर की महिमा ही है कि लाखों मठ मन्दिरों को नष्ट करने वाला औरंगजेब इस शिवलिंग का कुछ नहीं बिगाड़ पाया। (Attack On Hindu temples) हिन्दू मन्दिर में मुगल आक्रांता द्वारा शिवलिंग पर किए प्रहार के निशान आज भी मौजूद हैं।
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