Sunday, June 8, 2025

Bulandshahr News: जज्बा हो तो ऐसा! 92 वर्ष की उम्र में स्कूल जाती हैं सलीमा…

Bulandshahr News: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में 92 साल की एक बुजुर्ग महिला ने अपने जीवन के अंतिम पड़ाव में पढ़ने लिखने का अपने बचपन का सपना पूरा करने का कार्य शुरू कर दिया है। अब वह स्कूल जाती हैं और बच्चों के साथ बैठकर पढ़ाई करती हैं।

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में लोग उस समय हैरान रह गए जब उन्होंने एक बुजुर्ग महिला को 92 साल की उम्र में पढ़ाई करने स्कूल जाते हुए देखा। अपने जीवन के अंतिम पड़ाव पर शिक्षा प्राप्त करने का अपने जीवनभर का सपना साकार करने वाली बुजुर्ग महिला समाज के लिए मिसाल बन गई है। इस बात को सुनकर हर कोई अचंभित हो रहा है। दरअसल बुलंदशहर की 92 वर्षीय सलीमा खान नाम की एक महिला ने आखिरकार पढ़ाई लिखाई करने का अपना सपना पुरा कर लिया है।

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जानकारी के अनुसार सलीमा ने अब तक स्कूल जाकर छह महीने की पढ़ाई पूरी कर ली है और अब वह पढ़ने-लिखने में सक्षम है। इसके अलावा वह एक से लेकर 100 तक की गिनती भी सीख गई हैं। ऐसे में उनका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। सलीमा खान का कहना है कि अब वह ठीक तरह से अपना नाम लिख सकती हैं। और अब यह उनके लिए बड़ी महत्वपूर्ण बात है।

Bulandshahr News: परीक्षा हॉल में आकर्षण का केंद्र बनी 92 वर्ष की सलीमा

उन्होंने बताया कि अनपढ़ होने के कारण पहले उनके परिवार के छोटे बच्चे उनसे अतिरिक्त पैसे देने के लिए बरगलाते थे क्योंकि वह नोटों की गिनती नहीं कर पाती थी, लेकिन अब यह बात पुरानी हो गई है। बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार के साक्षर भारत अभियान के तहत रविवार को 15 साल और उससे अधिक उम्र के अनपढ़ लोगों की साक्षरता परीक्षा ली गई। इस परीक्षा के दौरान सलीमा खान परीक्षा हॉल में आकर्षण का केंद्र बनी हुई थी।

Bulandshahr News: पढ़ाई के प्रति सलीमा में दिखा जुनून

प्राथमिक विद्यालय चावली की प्रधानाध्यापिका डॉ प्रतिभा शर्मा ने बताया कि सलीमा लगभग 8 महीने पहले उनके पास आई और क्लास में बच्चों के साथ बैठने और शिक्षा प्राप्त करने का आग्रह किया। उनका कहना है कि इतनी बुजुर्ग महिला को पढ़ाना एक कठिन काम था, ऐसे में शुरुआत में थोड़ा झिझक बनी रही। हालांकि समय के साथ पढ़ाई के प्रति सलीमा के जुनून ने सभी को अपना मन बदलने पर मजबूर कर दिया. डॉ प्रतिभा शर्मा के अनुसार बुजुर्ग महिला सलीमा का उत्साह देखकर उनकी दो बहुओं समेत गांव की 25 महिलाएं भी करने के लिए स्कूल का रुख कर रही हैं।

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