मुजफ्फरनगर: डीएवी पीजी कॉलेज, बुढ़ाना के छात्र उज्जवल राणा द्वारा किए गए आत्मदाह के मामले ने जिले में आक्रोश की लहर पैदा कर दी है। गुरुवार को विभिन्न कॉलेजों के छात्रों और भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के कार्यकर्ताओं ने पुलिस कार्यालय का घेराव कर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने कॉलेज प्राचार्य प्रदीप कुमार सहित फरार आरोपियों की गिरफ्तारी न होने पर पुलिस प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगाया।
पुलिस–प्रदर्शनकारियों में तीखी नोकझोंक
भाकियू अराजनैतिक के प्रवक्ता धर्मेन्द्र मलिक के नेतृत्व में छात्रों का बड़ा समूह एसएसपी कार्यालय पहुंचा और वहीं धरने पर बैठ गया। प्रदर्शनकारियों ने आत्मदाह जैसे गंभीर मामले में कार्रवाई में देरी को लेकर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। धरना हटवाने पहुंचे सिविल लाइन थाना प्रभारी आशुतोष कुमार और भाकियू नेताओं के बीच इस दौरान जमकर नोकझोंक हुई।
धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि, “पुलिस ने जिन 48 से 72 घंटे का समय मांगा था, वह समाप्त हो चुका है। इसके बावजूद अभी तक मुख्य आरोपी गिरफ्त में नहीं आए।”
मुजफ्फरनगर एसपी सिटी का आश्वासन, फिर भी आंदोलन जारी
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से वार्ता की। उन्होंने आश्वासन दिया कि पुलिस फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही है और जल्द ही सभी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। अब तक केवल एक आरोपी—कॉलेज पीटीआई संजीव कुमार (निवासी मेरठ)—की गिरफ्तारी हुई है। वहीं, प्राचार्य प्रदीप कुमार और प्रबंधक अरविंद कुमार गर्ग सहित अन्य आरोपी अभी भी फरार बताए जा रहे हैं।
16 नवंबर को शोक सभा का ऐलान
आंदोलन को आगे बढ़ाते हुए धर्मेंद्र मलिक ने घोषणा की कि 16 नवंबर को डीएवी कॉलेज, बुढ़ाना के बाहर उज्जवल राणा की स्मृति में शोक सभा आयोजित की जाएगी। शोक सभा में आगे की रणनीति तय की जाएगी और बड़ा आंदोलनात्मक निर्णय लिया जा सकता है। शोक सभा को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने पहले से ही सुरक्षा व्यवस्था सख़्त करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। गौरतलब है कि बीए छात्र उज्जवल राणा ने 8 नवंबर को फीस विवाद और कॉलेज प्रशासन के कथित उत्पीड़न से तंग आकर कॉलेज परिसर में आत्मदाह कर लिया था। गंभीर रूप से झुलसे उज्जवल की 9 नवंबर को दिल्ली के एक अस्पताल में मृत्यु हो गई थी।





