Sunday, June 8, 2025

रावण की शादी का सच: रावण ने कैसे ढूंढी अपनी दुल्हन, जानें पूरी कहानी

रावण की शादी का सच: ज्यादातर लोगों ने भगवान राम, सीता, राम के वनवास, राम-रावण के युद्ध, लंका दहन समेत रामायण के पात्रों और घटनाओं से जुड़ी कितनी कहानियां सुनी होंगी लेकिन शायद ही रामायण की पात्र मंदोदरी के बारे में ज्यादा सुना होगा।

सभी ने जितना सुना है उसमेंं केवल मंदोदरी का परिचय रावण की पत्नी तक सीमित नहीं है। रामायण में रावण की पत्नी मंदोदरी का वर्णन बेहद सुंदर, पवित्र और धार्मिक महिला के रूप में किया गया है जिसने एक कर्तव्यपरायण पत्नी की तरह लगातार अपने पति को धर्म के मार्ग की तरफ अग्रसर करने का प्रयास किया।

मंदोदरी की कहानी (रावण की शादी का सच)

ये बात बहुत ही कम लोग जानते हैं कि रावण के जीवन में मंदोदरी ने कितने दुख झेले और उसके मरने के बाद मंदोदरी का क्या हुआ।

मायासुर और पत्नी हेमा की तपस्या (रावण की शादी का सच)

दरअसल असुरों के राजा मायासुर और उनकी पत्नी हेमा के दो पुत्र थे जिनका नाम मायावी और दुंदुम्भी था लेकिन वो एक बेटी चाहते थे। इसलिए, मायासुन ने बेटी पाने के लिए कठोर तपस्या करने का फैसला किया। जब वो दोनों कैलाश पर्वत पर तपस्या कर रहे थे तो मधुरा की 12 साल की कठोर तपस्या भी समाप्त होने वाली थी।

जैसे ही मधुरा की तपस्या पूरी हुई, वो अपने मूल स्वरूप में आ गई और मदद के लिए चिल्लाने लगी। मायासुर और हेमा जो पास में ही तपस्या कर रहे थे, उन्होंने मधुरा की पुकार सुनी और तुरंत उसे कुएं से बाहर निकाल लिया। बाद में दोनों ने मधुरा को अपनी बेटी बना लिया और उसका नाम बदलकर मंदोदरी रख दिया।

रावण ने की मंदोदरी से शादी कैसे हुई (रावण की शादी का सच)

एक बार रावण मायासुर के महल में गया जहां उसने मंदोदरी को देखा। मंदोदरी के देखते ही रावण उस पर मोहित हो गया। उसने मायासुर से मंदोदरी का हाथ मांग लिया लेकिन मायासुर ने मना कर दिया। मना होने के बाद रावण नाराज हो गया और मंदोदरी को उससे शादी करने के लिए मजबूर करने लगा।

मंदोदरी को पता था कि रावण भगवान शिव का भक्त है, इसी डर से और अपने पिता की रक्षा के लिए वो शादी के लिए हां कर देती है। रावण से शादी के बाद उसने दो पुत्र मेघनाद और अक्षय कुमार को जन्म दिया। मंदोदरी रावण को उसके गलत कामों के लिए हमेशा टोकती थी और उसे लगातार धर्म के मार्ग लाने का प्रयास करती रही।

रावण के वध के बाद मंदोदरी का क्या हुआ? (रावण की शादी का सच)

रावण ने सीता का हरण करक लिया जिसके बाद रावण और राम के बीच भयंकर युद्ध हुआ। युद्ध में भगवान राम ने रावण का वध कर दिया जिसके बाद विभीषण को लंका का राजा बना दिया था। कहा जाता है कि रावण की मृत्यु के बाद विभीषण ने अपनी भाभी मंदोदरी के सामने विवाह का प्रस्ताव रखा।

मंदोदरी के बारे में कहा जाता है कि वो एक सती स्त्री थीं जो अपने पति के प्रति समर्पण का भाव रखती थीं। इसीलिए रावण की मृत्यु के बाद मंदोदरी ने विभीषण से विवाह का प्रस्ताव ठुकरा दिया लेकिन कुछ समय बाद विभीषण से विवाह का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया था।

मंदोदरी का असली नाम था मधुरा (रावण की शादी का सच)

मंदोदरी का असली नाम मधुरा था। दरअसल एक कथा के अनुसार, मधुरा एक दिव्य परी थी जिसने एक बार कैलाश पर्वत की यात्रा की थी। वहां वो देवी पार्वती की अनुपस्थिति में भगवान शिव को खुश करने की कोशिश करती हैं। जब देवी पार्वती आती हैं और मधुरा को देखती है तो वो क्रोधित हो जाती हैं। क्रोध से भरी माता पार्वती मधुरा को मेंढक में बदलकर 12 वर्षों के लिए एक कुएं के अंदर रहने का श्राप दे देती हैं।इसके बाद भगवान शिव देवी पार्वती से श्राप को कम करने का अनुरोध करते हैं लेकिन माता श्राप तो वापस नहीं ले पाती हैं परंतु वो कहती हैं कि मधुरा 12 साल बाद अपने असली रूप में आ जाएगी।

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