Sunday, June 8, 2025

Airport Code: जेवर एयरपोर्ट को मिला DXN कोड, जानिए आपकी यात्रा पर क्या होगा इसका असर

Airport Code: अंतरराष्ट्रीय एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) ने एक कोड जारी किया है जिसे जेवर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए उपयोग किया जाएगा। इस हवाई अड्डे को DXN कोड के नाम से जाना जाता है। जब हम एयर टिकट बुक करते हैं, तो शहर के नाम के आगे अंग्रेजी में तीन अक्षर ब्रैकेट में देखते हैं और यही तीन अक्षर किसी एयरपोर्ट कोड के रूप में मान्य होते हैं।

यही जानकारी टिकट पर भी प्रिंट होती है। जब आप एयरपोर्ट पर लगेज काउंटर पर अपना बैग सौंपते हैं, तो आपके बैग पर वो पट्टी भी होती है जिस पर एयरलाइंस के कर्मचारी यो कोड छापते हैं।

आप जिस जगह से जहां तक यात्रा कर रहे हैं तो कोड टिकट पर साफ रूप से लिखा हुआ होता है, यह कोड हवाई यात्रा के लिए महत्वपूर्ण होता है। दरअसल DXN कोड का मतलब हो सकता है कि ये हवाई अड्डा एनसीआर (NCR) में है। ये एयरपोर्ट निर्माण कर रहा है और जल्द ही यहां से हवाई यात्राएं शुरू हो जाएंगी।

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हर शहर के एयरपोर्ट का कोड अलग (Airport Code)

लंदन, न्यूयॉर्क जैसे शहरों में कई हवाई अड्डे होते हैं और हर एयरपोर्ट का अपना कोड होता है। अगर आप टिकट बुक करते समय सही कोड नहीं देते, तो आप उसी शहर के किसी अन्य हवाई अड्डे पर पहुंच सकते हैं जहां आपने उतरना है। अब जेवर एयरपोर्ट की शुरुआत के साथ-साथ, दिल्ली-एनसीआर में 2 अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे होंगे।

दिल्ली का Airport Code DEL है जबकि जेवर का कोड DXN होगा। इसलिए टिकट बुक करने के दौरान सावधानी बरतना महत्वपूर्ण होता है ताकि आप उस एयरपोर्ट पर पहुंचें जिसे आपने इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचना है। अगर आप गलत एयरपोर्ट पर पहुंच जाते हैं तो यात्रा करने में काफी समय और परेशानी हो सकती है।

क्या है एयरपोर्ट के नामकरण का नियम? (Airport Code)

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अंतरराष्ट्रीय एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) कोड जारी करते समय, एक नंबर का इस्तेमाल नहीं किया जाता है और न ही हाइफन का उपयोग किया जाता है। आमतौर पर पहला अक्षर शहर को और आखिरी अक्षर उस एरिया को प्रतिनिधित करता है। पहले समय में शहरों के लिए संक्षिप्त नामों का उपयोग किया जाता था जो आज भी प्रचलित हैं। जैसे बैंकॉक का कोड BKK है और लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे का कोड LHR है।

देखा जाए तो हर एयरपोर्ट का कोड अलग होता है और इसे दोहराया नहीं जा सकता है। इसलिए कई बार पहले और आखिरी के अक्षरों में समानता हो सकती है लेकिन नहीं आती। भारत, में मुंबई का कोड BOM, बैंगलोर का BLR, चेन्नई का MAA, और कोलकाता का कोड CCU है। जब ये कोड तय हुआ था तो चेन्नई को मद्रास के नाम से जाना जाता था। इसलिए एयरपोर्ट कोड हवाई यात्रा के लिए एक महत्वपूर्ण टूल होता है।

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इसी तरह से अंतरराष्ट्रीय सिविल एविएशन संगठन (International Civil Aviation Organization, ICAO) भी कोड जारी करता है। ये कोड 4 अक्षरों का होता है और इसका सरकारी, सैन्य और प्राधिकरणीय अधिकारियों द्वारा उपयोग किया जाता है। इस कोड का महत्व तब पता चलता है जब हम जानते हैं कि पूरी दुनिया में वर्तमान में 40,000 हवाई अड्डे हैं। इनमें से 2000 हजार से ज्यादा अड्डे ऐसे हैं, जहां से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें आती-जाती हैं।

भारत में 486 हवाई अड्डे (Airport Code)

भारत की बात करें तो यहां कुल 486 हवाई अड्डे हैं, जिनमें से 39 अंतरराष्ट्रीय हैं। अगर जेवर को जोड़ लें, तो ये संख्या 40 हो जाएगी। ये भी जरूरी है कि देश में मौजूद हवाई अड्डों में कई केवल सेना द्वारा उपयोग किए जाते हैं जैसे कि कुछ ऐसे हैं जो सामान लाने-ले जाने के लिए होते हैं।

देश में चार प्रकार के हवाई अड्डे होते हैं (Airport Code)

  1. अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा: जो अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए होते हैं और विदेशी विमानों के लिए इस्तेमाल होते हैं।
  2. घरेलू हवाई अड्डा: ये देश के आंतरिक यातायात के लिए होते हैं जहाँ से घरेलू विमान उड़ते हैं।
  3. सीमा शुल्क हवाई अड्डा: जो सीमा परस्परण के लिए इस्तेमाल होते हैं, यहाँ से विमानों का आगमन और प्रस्थान होता है और सीमा शुल्क वसूला जाता है।
  4. घरेलू सिविल एंक्लेव हवाई अड्डा: ये घरेलू यात्रा और निजी विमानों के लिए इस्तेमाल होते हैं, इसमें निजी विमान और चार्टर विमान भी शामिल होते हैं।

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