बांदा के महिला जिला अस्पताल में एक स्टाफ नर्स ने जलशक्ति राज्यमंत्री के सामने कुर्सी से उठकर नहीं खड़ी होने के कारण उनका गुस्सा झेलना पड़ा । इसके परिणामस्वरूप, उन्होंने महिला जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी को बुलाया और स्टाफ नर्स की संविदा समाप्त करने के निर्देश जारी किए। इस दौरान, जिला अस्पताल कैम्पस में एक छावनी बन रही थी।
इसके बावजूद, महिला जिला अस्पताल के प्रशासन का दावा है कि मंत्री को पहचानने में स्टाफ नर्स को समस्या हुई, क्योंकि वे उनको उनकी व्यक्तिगत पहचान नहीं कर पाईं। इसके परिणामस्वरूप, मंत्री नाराज हो गए।
वास्तविकता में, जलशक्ति राज्यमंत्री रामकेश निषाद गुरुवार रात को अपने एक रुग्ण से मिलने बांदा के जिला अस्पताल पहुंचे थे। यहां पर रुग्णों के परिजनों ने महिला जिला अस्पताल के प्रशासन की उपेक्षा के आरोप लगाए। इस पर मंत्री ने सीधे महिला जिला अस्पताल पहुंचकर उनसे मिलकर अपना परिचय दिया और उनसे उनके कार्य और सावधानी के निर्देश दिए।
इस दौरान, ड्यूटी पर तैनात महिला स्टाफ नर्स कुर्सी से नहीं उठी। इस पर मंत्री ने खफा हो जाकर उनके निर्देशों के खिलाफ शिकायत की और त्वरित कार्रवाई के आदेश दिए। यह बताया गया है कि जिला अस्पताल में पहले भी स्टाफ के अवैध वसूली और बाहर से दवाइयां लिखने के आरोप लगे हैं।