Muzaffarnagar News: पानीपत-खटीमा हाईवे के दूसरे हिस्से का निर्माण अब अंतिम चरण में है। हाईवे का उपयोग करने वाले लोगों को किसी भी कठिनाई में सहायता के लिए प्रति पांच किलोमीटर पर हेल्पलाइन बूथ मिलेगा। यहां मोबाइल का सिग्नल नहीं मिलने पर भी इन बूथों का उपयोग करके मदद प्राप्त की जा सकती है। शामली जिले में बुटराड़ा से मुजफ्फरनगर जिले की सीमा तक इस हाईवे का दूसरा चरण बन रहा है।
Muzaffarnagar News: अगर मोबाइल सेवा नहीं तो डायल करें 1033
यह चरण लालूखेड़ी क्षेत्र से जानसठ बाईपास तक फैला हुआ है। वहीं जानसठ बाईपास से बिजनौर जिले तक तीसरे चरण का निर्माण भी कई स्थानों पर प्रगति पर है। जनसुविधाओं को सुरक्षित रखने के लिए जिले की सीमा के क्षेत्रों में हेल्पलाइन बूथ स्थापित किए गए हैं, जैसे कि लालूखेड़ी, धौलरा, तितावी और जागाहेड़ी। इसके अलावा यात्रा करने वाले वाहन चालक 24 घंटे इन हेल्पलाइन बूथों का उपयोग कर सकते हैं। अगर मोबाइल सेवा नहीं है, तो ऐसे में बूथ के माध्यम से एनएचएआई का हेल्पलाइन नंबर 1033 डायल किया जा सकता है। इसके बाद एनएचएआई के कर्मचारी मदद के लिए पहुंचेंगे। Muzaffarnagar News
25 गांवों की 65.1917 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण
जागाहेड़ी में टोल प्लाजा का निर्माण लगभग पूरा हो गया है। इसी साल के अंत में प्लाजा पर शुल्क वसूलने की प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है। प्लाजा पर ही कर्मचारी तैनात किए जाएंगे। मदद के लिए कॉल रिसीव होने के बाद टोल से कर्मचारी मदद के लिए संबंधित लोकेशन पर पहुंचेंगे। इसके अलावा मुजफ्फरनगर की सीमा में 25 गांवों की 65.1917 हेक्टेयर भूमि हाईवे के लिए अधिग्रहण की गई है। इस अधिग्रहण में बघरा, चरथावल और सदर ब्लॉक के गांवों जैसे अलीपुर, बघरा-1, बघरा-2, बाननगर, बुड़ीना, दधेड़ू खुर्द, धनसैनी, धौलड़ी, जागाहेड़ी, कल्लरपुर, काजीखेड़ा, लालूखेड़ी, लकडसंधा, पीनना, रामपुर, सैदपुर खुर्द, सलेमपुर, सिसौना, सोंहजनी और तितावी शामिल हैं। Muzaffarnagar News
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यहां लटका हुआ है काम
पानीपत-खटीमा हाईवे पर दूसरे चरण का निर्माण कार्य इन दिनों पीनना के आबादी क्षेत्र में चल रहा है। जबकि यहीं से बाईपास की ओर जाने वाले फ्लाईओवर का काम रुका हुआ है। बाईपास पर पीनना समेत आसपास के गांव के लोग धरनारत हैं। किसानों का कहना है कि बाईपास पर उन्हें फ्लाईओवर या अंडरपास मिलना चाहिए, जिससे हादसों का खतरा टाला जा सके। बता दें फ्लाईओवर की आवश्यकता इसलिए है क्योंकि यह वाहनों को सुरक्षित और सही तरीके से समाहित करने का एक प्रभावी तरीका होता है। यह अच्छा विकल्प है जब दो या दो से अधिक मुख्य मार्गों का संचार होता है और एक मार्ग को दूसरे मार्ग से पार करना आवश्यक होता है। फ्लाईओवर वाहनों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर सुरक्षित रूप से पहुंचने की सुविधा प्रदान करता है और सड़कों पर जाम को कम करने में मदद करता है। हादसों की आशंका से बचने के लिए, फ्लाईओवर वाहनों को एक स्तर से दूसरे स्तर पर ले जाता है, जिससे वाहनों के बीच का ट्रैफिक अलग होता है। इससे ट्रैफिक नहीं होता और वाहनों की गति में वृद्धि होती है। फ्लाईओवर वाहनों के बीच अच्छी सड़क संरचना को बनाए रखता है और यातायात को सुरक्षित बनाए रखता है। Muzaffarnagar News