गेहूं की ये उन्नत किस्में: रबी सीजन की सबसे महत्वपूर्ण फसल गेहूं की बुआई देशभर में तेजी से जारी है। ऐसे में भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान (ICAR-IIWBR), करनाल ने किसानों को सलाह देते हुए कहा है कि समय के अनुसार सही किस्म (Wheat Varieties) चुनकर किसान अधिक पैदावार हासिल कर सकते हैं। संस्थान ने समय पर बुआई, देरी से बुआई और बहुत देर से बुआई के लिए अलग-अलग किस्मों की सूची जारी की है।
20 नवंबर तक (समय पर बुआई) बोई जाने वाली गेहूं की किस्में
ये किस्में सिंचित क्षेत्रों के लिए उपयुक्त हैं।
पंजाब, हरियाणा, राजस्थान के कुछ भाग और पश्चिमी यूपी के लिए —
- DBW 187
- DBW 222
- HD 3406
- PBW 826
- PBW 3226
- HD 3086
- WH 1105
पूर्वी यूपी, बिहार, बंगाल और झारखंड के लिए —
- DBW 187
- PBW 826
- HD 3411
- DBW 222
- HD 3086
- K 1006
एमपी, गुजरात और राजस्थान के लिए —
- DBW 303
- DBW 187
- HI 1636
- MACS 6768
- JW 366
महाराष्ट्र और कर्नाटक के लिए —
- DBW 168
- MACS 6478
- UAS 304
- MACS 6222
25 दिसंबर तक (देरी से बुआई) बोई जाने वाली गेहूं की किस्में
इन किस्मों को किसान सिंचित क्षेत्रों में 25 दिसंबर तक बो सकते हैं।
पंजाब, हरियाणा, राजस्थान के हिस्से और पश्चिमी यूपी के लिए —
- PBW 752
- PBW 771
- DBW 173
- JKW 261
- HD 3059
- WH 1021
पूर्वी यूपी, बिहार, बंगाल और झारखंड के लिए —
- DBW 316
- PBW 833
- DBW 107
- HD 3118
- JKW 261
- PBW 752
एमपी, गुजरात और राजस्थान के लिए —
- HD 3407
- HI 1634
- CG 1029
- MP 3336
25 दिसंबर के बाद (बहुत अधिक देरी) बोई जाने वाली गेहूं की किस्में
यदि किसान 25 दिसंबर के बाद बुआई कर रहे हैं, तो ये किस्में सबसे उपयुक्त मानी गई हैं:
- HD 3271
- HI 1621
- WR 544
ये सभी किस्में सिंचित अवस्था में बहुत देर से बुआई के लिए बेहतर परिणाम देती हैं और गर्मी से होने वाले नुकसान को भी सहन करने में सक्षम हैं।
किसान क्यों करें सही किस्म का चयन?
- उपज में 10–20% तक वृद्धि
- कम तापमान/अधिक तापमान का बेहतर सामना
- रोग-प्रतिरोध क्षमता अधिक
- दाना मोटा और उच्च गुणवत्ता
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