गेंहू की पैदावार: गेहूं की बुआई शुरू हो गई है। यह भारत की एक मुख्य फसल है लेकिन इस बार गेंहू की पैदावार को लेकर विशेषज्ञों ने चिंता जताई है। जिसमें कहा गया है कि इस बार गेहूं की पैदावार कम हो सकती है जिसका कारण स्पष्ट करते हुए पूरी जानकारी दी गई है जो इस प्रकार…
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पृथ्ज्ञ मंत्र सचिव व मौसम विज्ञानी डॉ. माधवन नैयर राजीवन ने यूरोपियन सेंटर फॉर मीडियन रेंज वेदर फॉरकास्ट्स मॉडल के हवाले से जानकारी दी है कि अल-नीनो की वजह से आने वाली सर्दी में ठंड कम पड़ सकती है। सर्दी का मौसम भी छोटा रहेगा, यानी ठंड के दिन कम रहेंगे। नवंबर से फरवरी तक तापमान सामान्य से अधिक रहेगा, इसलिए कोल्ड वेव की गुंजाइश कम है। इधर, भारतीय मौसम विभाग ने अभी सर्दी के सीजन का पूर्वानुमान जारी नहीं किया है।
बीते 10-12 साल में कड़क ठंड वाले दिनों की संख्या लगातार घट रही है। इस बार अल-नीनो की वजह से सर्द दिन काफी कम रह सकते हैं। एक दशक पहले तक सर्द दिनों का स्पेल 4-5 दिन रहता था। इस बार सिर्फ 1-2 दिन के सर्द दौर आ सकते हैं। इन बातों से यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि अगर इस बार सर्दी के सीजन में कम ठंड पड़ी तो गेंहू की पैदावार घट सकती है। जिससे किसानों में चिंता देखने को मिल रही है।
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